
Bihar Assembly Election 2025 की तैयारी पूरे जोश में है। यह चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले हैं और इसमें कुल 243 सीटों पर मतदान किए जाएंगे। सभी प्रमुख पार्टियाँ—National Democratic Alliance (NDA), Mahagathbandhan (RJD, Congress, वाम दल), और नई पार्टी Jan Suraj—अपनी-अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतर चुकी हैं। NDA में JDU के नेता Nitish Kumar अपनी सरकार की सामाजिक योजनाओं और विकास कार्यों को प्रमुख मुद्दा बना रहे हैं। BJP अपने पारंपरिक ऊपरी जाति और शहरी वोटरों के साथ-साथ OBC और दलित वोटरों को भी साधने की कोशिश कर रही है।
महागठबंधन की ओर से RJD के नेता तेजसवी यादव युवाओं, किसानों और सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर वोटरों को आकर्षित कर रहे हैं। Congress और वाम दल उनके साथ गठबंधन में हैं, लेकिन Congress की स्थिति कमजोर मानी जा रही है। Jan Suraj के प्रशांत किशोर ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनकी पार्टी का फोकस बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर है, और वे जातिगत समीकरण को नए तरीके से साधने की कोशिश कर रहे हैं।
जातीय राजनीति बना सबसे बड़ा मुद्दा
Bihar Assembly Election 2025 में caste politics सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। 2022 की जातीय जनगणना के अनुसार, राज्य में EBC (36.01%) और OBC (27.13%) मिलाकर कुल 63.14% हैं। Scheduled Castes 19.65% और Scheduled Tribes 1.68% हैं, जबकि सामान्य वर्ग (upper castes) 15.52% है। पिछले साल सरकार ने आरक्षण 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया था, लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने जून 2024 में इस फैसले को असंवैधानिक घोषित कर दिया, क्योंकि यह संविधान द्वारा निर्धारित 50% की सीमा का उल्लंघन करता था।
BJP ने केंद्र सरकार की caste census घोषणा के बाद बिहार में अपनी रणनीति बदली है और OBC व दलित वोटरों को जोड़ने के लिए welfare schemes और हिंदू पहचान को साथ जोड़ रही है। वहीं, RJD और JDU जातिगत आरक्षण और सामाजिक न्याय को लेकर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
महिला वोटर और ‘Laadli Behna Politics’
2025 के चुनाव में महिला वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं। पिछले चुनावों में महिलाओं का मतदान पुरुषों से लगभग 5% ज्यादा रहा है। Nitish Kumar की शराबबंदी और महिला केंद्रित योजनाओं की घोषणाओं ने उन्हें महिला वोटरों में मजबूत बनाया है। वहीं, RJD के Tejashwi Yadav और कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए ‘Mai-Bahini Maan Yojana’ के तहत ₹2500 प्रति माह देने का वादा किया है। अब यह देखना बाकी है कि महिला वोटर किस ओर झुकती हैं।
युवा, बेरोजगारी और पलायन भी बड़े मुद्दे
Bihar में बेरोजगारी और पलायन हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। राज्य में youth unemployment rate देश में सबसे ज्यादा है, और per capita income सबसे कम हैं। RJD और Congress ‘Palayan Roko, Naukri Do’ जैसे अभियान चला रहे हैं, वहीं NDA सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए योजनाएँ गिना रही है। प्रशांत किशोर भी अपने पदयात्रा के जरिए इन्हीं मुद्दों को उठा रहे हैं।
NDA, Mahagathbandhan और Jan Suraj—तीनों के लिए यह चुनाव निर्णायक साबित हो सकता है। अगले कुछ महीनों में राजनीतिक बयानबाजी, गठबंधन और मुद्दों की लड़ाई और तेज़ होगी, जिससे Bihar की राजनीति का भविष्य तय किया जाएगा।
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