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भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद Ceasefire, अमेरिका की अहम भूमिका

संघर्ष कैसे बढ़ा और क्यों ज़रूरी था Ceasefire

Ceasefire: भारत -पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले झगड़े के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बताया कि दोनों देश तुरंत और पूरा युद्ध बंद करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका और अन्य दूसरे देशों ने बातचीत करके दोनों देशों में लड़ाई रुकवाई। इससे दोनों परमाणु देश युद्ध के बहुत करीब से वापस आ गए। अब दोनों देश शांति से बात करने की कोशिश करेंगे। देशों के बीच लगातार गोलीबारी और मिसाइल हमले हो रहे थे। इससे सीमा के दोनों ओर आम लोगों में डर और बेचैनी फैल गई थी। हालात इतने बिगड़ गए कि बड़े स्तर पर युद्ध की आशंका जताई जा रही थी।

संघर्ष विराम की घोषणा और अमेरिका की भूमिका

ऐसे माहौल में 10 मई को अचानक Ceasefire (युद्धविराम) की घोषणा हुई। यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत का नतीजा नहीं था, बल्कि पर्दे के पीछे कई देशों ने इसमें अहम भूमिका रही। जिसमें अमेरिका, सऊदी अरब, तुर्की, कतर, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों ने दोनों देशों पर शांति बनाए रखने के लिए दबाव बनाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले सोशल मीडिया पर Ceasefire की घोषणा की। बाद में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भी इसकी पुष्टि की।

संदेशों का आदान-प्रदान

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका निभाई हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के सैन्य प्रमुखों से सीधे बात की। अमेरिका और सऊदी अरब ने मिलकर दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाया। कई बार हॉटलाइन और गुप्त चैनलों के जरिए भी संदेशों का आदान-प्रदान हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका ने समय रहते दखल न दिया होता, तो हालात और ज्यादा बिगड़ सकते थे। अमेरिका ने दोनों देशों को भरोसा दिलाया कि वे शांति के रास्ते पर लौटें, वरना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ सकता है।

Ceasefire के बाद की स्थिति

Ceasefire लागू होने के बाद कुछ घंटों तक तो शांति रही, लेकिन जल्द ही दोनों देशों ने एक-दूसरे पर Ceasefire 3उल्लंघन के आरोप लगाए। हालांकि, कुल मिलाकर सीमा पर तनाव कम हुआ है और लोग राहत महसूस कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ने कहा है कि वे आगे की बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत ने साफ किया है कि आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा।

क्या यह शांति टिकेगी?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह संघर्षविराम एक अहम मौका है, लेकिन दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास है। अमेरिका समेत कई देश आगे भी इस प्रक्रिया में शामिल रहेंगे, ताकि शांति बनी रहे। सीमा के दोनों ओर आम लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब हालात सामान्य होंगे और उन्हें डर के साए में नहीं जीना पड़ेगा। हालांकि, कुछ लोगों को अभी भी डर है कि कहीं फिर से तनाव न बढ़ जाए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमे  अपनी सेना पर गर्व हैं, और साथ ही सभी ने भारतीय सेना की सराहना की हैं।

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Sabeela Siddiquie

Sabeela Siddiquie is a news and content writer passionate about uncovering stories that matter. Known for a keen eye for detail and a commitment to truth. Sabeela delivers insightful and thought-provoking content with valuable information. Her work centers on politics and other important subjects.

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