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CBI निदेशक की नियुक्ति, एजेंसी के चीफ पर नहीं बनी सहमति

प्रधानमंत्री, विपक्ष नेता और सुप्रीम कोर्ट जज की बैठक

CBI य़ानी केंद्रीय जांच ब्यूरो की नियुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के जज की बैठक हुई । जिसमें बैठक के दौरान अगले एजेंसी के चीफ के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा एक विशेष तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। समिति के अन्य दो सदस्य लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट के जज) होते हैं। यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम के तहत तय की जाती है।

नियुक्ति के नियम और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

CBI निदेशक का कार्यकाल कम से कम दो साल का होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में यह भी स्पष्ट किया था कि केवल उसी अधिकारी को CBI निदेशक बनाया जा सकता है, जिसकी सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) में कम से कम छह महीने का समय बचा हो। कार्यकाल के बीच में निदेशक को हटाने के लिए भी इसी समिति की मंजूरी जरूरी होती है।

2025 में चयन समिति की बैठक

CBI के मौजूदा निदेशक प्रवीण सूद का दो साल का कार्यकाल 25 मई 2025 को समाप्त हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए 5 मई 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय में चयन समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना शामिल हुए। इस बैठक में नए CBI निदेशक के नाम पर चर्चा की गई, लेकिन खबरों के मुताबिक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों के अनुसार, समिति ने कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर विचार किया, लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वर्तमान निदेशक प्रवीण सूद को एक साल का सेवा विस्तार दिया जा सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बैठक के दौरान यह भी चर्चा रही कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी कार्यकाल विस्तार के पक्ष में नहीं थे, जबकि सरकार इस विकल्प को लेकर गंभीर दिखी।

CBI निदेशक की नियुक्ति का महत्व

CBI निदेशक का पद बेहद अहम और संवेदनशील होता है, क्योंकि यह एजेंसी देश की सबसे बड़ी आपराधिक और भ्रष्टाचार जांच एजेंसी है। इसलिए नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट और संसद ने सख्त नियम बनाए हैं। इसमें तीन बड़े पदों पर बैठे लोग मिलकर फैसला करते हैं, ताकि सही और योग्य व्यक्ति को यह जिम्मेदारी मिले। जिससे CBI स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपना काम कर सके।

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Sabeela Siddiquie

Sabeela Siddiquie is a news and content writer passionate about uncovering stories that matter. Known for a keen eye for detail and a commitment to truth. Sabeela delivers insightful and thought-provoking content with valuable information. Her work centers on politics and other important subjects.

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