Ram Madhav’s return: A new ploy by the RSS and BJP
Ram Madhav's return: Will BJP be able to win in Jammu and Kashmir?
बीजेपी ने एक चौंकाने वाले फैसले में Ram Madhav को जम्मू और कश्मीर के चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। चार साल तक पार्टी पद से दूर रहने के बाद, माधव की वापसी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। लेकिन क्या यह कदम बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगा?
राम माधव का प्रभाव
Ram Madhav का नाम जम्मू और कश्मीर में बीजेपी के उदय से जुड़ा हुआ है। उन्होंने पार्टी को इस क्षेत्र में पैर जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रणनीति और नेतृत्व ने बीजेपी को कई चुनावी जीत दिलाई।
बीजेपी की चाल
बीजेपी ने माधव को फिर से जम्मू और कश्मीर में जिम्मेदारी सौंपकर एक बड़ा दांव खेला है। यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद होने वाला पहला चुनाव है। बीजेपी इस चुनाव में जीत हासिल करके अपनी सरकार की वैधता साबित करना चाहती है।
राम माधव की चुनौतियां
Ram Madhav के सामने कई चुनौतियां हैं। जम्मू और कश्मीर में बीजेपी का प्रभाव सीमित है, और पार्टी को घाटी में भी अपनी पैठ बढ़ानी होगी। इसके अलावा, राम माधव को स्थानीय नेताओं को एकजुट करना होगा और विपक्ष का मुकाबला करना होगा।
क्या Ram Madhav सफल होंगे?
राम माधव की वापसी निश्चित रूप से बीजेपी के लिए एक बड़ा लाभ है। उनकी अनुभव और कौशल के साथ, वह पार्टी को चुनाव में जीत दिला सकते हैं। लेकिन यह एक आसान काम नहीं होगा। राम माधव को अपनी रणनीति और नेतृत्व कौशल का पूरा उपयोग करना होगा।
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एक प्रश्न आपके लिए
क्या आप सोचते हैं कि राम माधव बीजेपी को जम्मू और कश्मीर में चुनाव जीत दिला पाएंगे? या क्या विपक्ष इस बार जीत हासिल कर लेगा?